
प्लास्टिक उद्योग में हर साल तीन हजार छात्रों को रोजगार मिलेगा, 40 करोड़ से सेटअप तैयार होगा
अलीगंज में बगवाड़ी के पास कताई मिल की आठ एकड़ जमीन पर प्लास्टिक इंजीनियरिंग से संबंधित अध्ययन के लिए 40 करोड़ की लागत से CIPET (सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ प्लास्टिक इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी) की स्थापना की जाएगी। केंद्र सरकार के रसायन और उर्वरक मंत्रालय पेय पदार्थों को रोजगार प्रदान करने के उद्देश्य से इसे स्थापित करेंगे।
संस्थान तीन से छह महीने तक के व्यावसायिक पाठ्यक्रमों का अध्ययन करेगा। कोर्स पूरा होने पर, केवल CIPET छात्रों को नौकरी देगा। इसके लिए उद्योग विभाग ने सीआईपीईटी को आठ एकड़ जमीन हस्तांतरित की है। इसी महीने में, सीएम से इसकी आधारशिला रखने की कवायद चल रही है। अगले साल जनवरी से देखभाल शुरू करने की योजना है।
जो छात्र आठवीं कक्षा, X और X पास कर चुके हैं, वे आगे की पढ़ाई नहीं करना चाहते हैं, नामांकन लेने के बाद, उन्हें प्लास्टिक उद्योग में काम करने के लिए व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के माध्यम से सिद्धांत और व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया जाएगा। सिलेबस पूरा करने के बाद, प्लास्टिक उद्योगों से जुड़ी कंपनियों का कैंपस सेलेक्शन होगा। इसका लक्ष्य हर साल तीन हजार छात्रों को प्रशिक्षण देकर रोजगार उपलब्ध कराना है।
जमीन की वजह से भागलपुर का हुआ चयन
पहले इस परियोजना को मतेरी में शुरू किया गया था। लेकिन वहां जमीन की कमी के कारण भागलपुर को इसके लिए चुना गया था। सरकार ने भागलपुर में इसे स्थापित करने के लिए केंद्र सरकार के प्रस्ताव पर सहमति व्यक्त की।
स्पिनिंग मिल के स्क्रैप काे हटाने काे पत्र
हाजीपुर के एसआईपीईटी निदेशक अनिल कुमार सिंह को भागलपुर सीआईपीईटी के निदेशक का प्रभार दिया गया है। उन्होंने बताया कि कताई मिल के स्क्रैप को हटाने तक काम शुरू नहीं किया जाएगा। इसके लिए उद्योग विभाग द्वारा पत्र लिखा गया है।
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