
बिहार(Bihar) में आज से 40 हजार शिक्षक हड़ताल पर, शिक्षा व्यवस्था होगी प्रभावित
बिहार(Bihar) के उच्च और प्लस टू(+2) स्कूलों के लगभग 40 हजार शिक्षक आज से हड़ताल पर जा रहे हैं। ये शिक्षक राज्य के 6000 से अधिक उच्च और प्लस टू(+2) स्कूलों में कार्यरत हैं, जिन्होंने 2 फरवरी से 2 फरवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की घोषणा की। माध्यमिक शिक्षक संघ ने सातवें वेतनमान, अपमानजनक घटिया वेतन की विसंगतियां देने की मांग को लेकर स्कूलों में तालाबंदी और अनिश्चितकालीन हड़ताल करने का निर्णय लिया है।
शिक्षकों के हड़ताल पर चले जाने के कारण सबसे बड़ी समस्या मैट्रिक और इंटर परीक्षा(Matric and Inter Exam) के मूल्यांकन कार्य पर हो सकती है। शिक्षकों के हड़ताल पर चले जाने के बाद यह सवाल उठने लगा है कि जब भी शिक्षक परीक्षा के मूल्यांकन कार्य में सहयोग नहीं करेंगे तो फिर कॉपियों की जांच कौन करेगा। जैसा कि हड़ताल जारी है, शिक्षकों ने उपयोग मूल्यांकन के साथ-साथ सभी कार्यों में असहयोग की घोषणा की है। आरोप है कि संशोधित वेतनमान के कारण माध्यमिक शिक्षकों का वेतन प्राथमिक शिक्षक बन गया है।
बिहार राज्य संबद्ध डिग्री कॉलेज 26 शिक्षक-गैर-शिक्षण कर्मचारी महासंघ से चल रही अंतर-प्रतियों के मूल्यांकन कार्य का विरोध करेगा। इंटरमीडिएट परीक्षा 2020 की उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन को पूरी तरह सफल बनाया जाएगा।
ज्ञात हो कि इससे पहले बिहार के प्रारंभिक शिक्षकों ने भी हड़ताल पर जाने की घोषणा की थी और उनकी हड़ताल का मैट्रिक और इंटरमीडिएट परीक्षाओं(Matric and Inter Exam) में शिक्षण कार्य पर बड़ा असर पड़ा था। मैट्रिक और इंटरमीडिएट (Matric and Inter)के नतीजे आने में भी देरी होने की संभावना होगी, इन सबके बीच देखने वाली बात यह है कि बिहार सरकार और सरकार की शिक्षा और संभाग सहित शिक्षा मंत्री का क्या रुख है।
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